सचिन तेंदुलकर बनाम शेन वार्न: क्रिकेट की सबसे बड़ी जंग किसने जीती?
सचिन तेंदुलकर और शेन वार्न अपने संन्यास के बाद एक प्रदर्शनी मैच के दौरान [X]
सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न क्रिकेट के खेल में अब तक के सबसे महान नामों में से दो हैं। 1990 के दशक में, ये दोनों खिलाड़ी अपनी-अपनी कला को नए सिरे से परिभाषित कर रहे थे और अगली पीढ़ी के लिए नए मानक स्थापित कर रहे थे।
सचिन बनाम वार्न - दोनों के करियर पर एक नज़र
सचिन ने अपने 24 साल के करियर में 664 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। इन मैचों में उन्होंने 100 शतकों के साथ 34,357 रन बनाए। जब उन्होंने संन्यास लिया, तब उनके नाम बल्लेबाज़ी के अधिकांश रिकॉर्ड दर्ज थे और आज भी उनमें से कई रिकॉर्ड बरक़रार हैं।
दूसरी ओर, अपने करियर की औसत शुरुआत के बाद, वॉर्न ने 1993 के मैनचेस्टर टेस्ट में माइक गैटिंग को डाली अपनी ड्रीम डिलीवरी से सभी का ध्यान खींचा। वॉर्न ने कुल 339 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले, जिसमें उन्होंने 1001 विकेट लिए। अपने संन्यास के समय, वॉर्न के नाम टेस्ट क्रिकेट में किसी गेंदबाज़ द्वारा सबसे ज़्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड था, जिसे बाद में मुथैया मुरलीधरन ने तोड़ दिया।
सचिन बनाम वार्न - क्या कहते हैं आंकड़े?
सचिन और वॉर्न के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 29 बार आमना-सामना हुआ। इनमें से वॉर्न भारतीय बल्लेबाज़ को सिर्फ़ चार बार आउट कर पाए। यह इस बात का सबूत है कि जहां वॉर्न कई बल्लेबाज़ों के लिए बुरा सपना थे तो वहीं सचिन स्पिन के जादूगर पर हावी होने में क़ामयाब रहें।
सचिन बनाम वार्न - प्रतिद्वंद्विता की शुरुआत
साल 1998 के चेन्नई टेस्ट में इन दोनों दिग्गजों के बीच हुई प्रसिद्ध भिड़ंत के बाद से ही यह प्रतिद्वंद्विता चर्चा का विषय बन गई। सीरीज़ से पहले इन दो प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के बीच होने वाली इस भिड़ंत को लेकर काफी चर्चा थी।
मैच की पहली पारी में वॉर्न ने तेंदुलकर को मात दी थी। लेकिन दूसरी पारी में सचिन ने अलग अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की और न सिर्फ वॉर्न पर हावी रहे बल्कि पूरी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ी को तहस-नहस करते हुए 191 गेंदों पर नाबाद 155 रन बनाए। तेंदुलकर की इस पारी की बदौलत भारत ने मैच 179 रनों के बड़े अंतर से जीत लिया।
इस टेस्ट ने जहां एक नई प्रतिद्वंद्विता को जन्म दिया, वहीं उसी साल कोको-कोला कप में सचिन की हरकतों ने वार्न पर उनका दबदबा कायम कर दिया। टूर्नामेंट के आखिरी दो मैचों में सचिन ने 'गॉड मोड' को सक्रिय किया और वार्न सहित ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ी यूनिट पर कहर बरपाया।