अक्षर को ऊपर भेजना और... दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ दूसरे T20I में भारत से हुई 3 बड़ी गलतियों पर एक नज़र


टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 51 रनों से हार का सामना करना पड़ा। [स्रोत: एएफपी]टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 51 रनों से हार का सामना करना पड़ा। [स्रोत: एएफपी]

11 दिसंबर को मुल्लनपुर में भारत के लिए दिन अच्छा नहीं रहा, क्योंकि टीम दूसरे T20 अंतरराष्ट्रीय मैच में दक्षिण अफ़्रीका से हार गई। क्विंटन डी कॉक की तूफानी 90 रनों की पारी ने मैच को शुरुआत में ही हाथ से निकलने दिया। उनकी इस पारी ने भारत पर काफी दबाव बना दिया और अफ़्रीकी टीम ने 213 रनों का मज़बूत स्कोर खड़ा किया, जिसमें टीम ने 4 विकेट गंवाए।

बाद में भारत 19.1 ओवर में 162 रन पर ऑल आउट हो गया, जिससे दक्षिण अफ़्रीका ने पांच मैचों की सीरीज़ 1-1 से बराबर कर ली। नवंबर 2024 के बाद से खेले गए 21 T20I मैचों में भारत की यह केवल चौथी हार थी, इसलिए यह परिणाम कई लोगों के लिए आश्चर्यजनक था।

पिच बल्लेबाज़ी के लिए बेहतरीन थी और ओस ने लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम के लिए और भी आसान बना दिया। ऐसी पिच पर भारत के पास 214 रनों के लक्ष्य तक पहुंचने का अच्छा मौक़ा था। हालांकि, कई फैसलों और खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन ने उनके ख़िलाफ़ काम किया। यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं जिनकी वजह से भारत दूसरा T20 मैच हार गया।

अक्षर पटेल को तीसरे नंबर पर प्रमोट किया गया

सबसे अप्रत्याशित फैसलों में से एक तब आया जब अक्षर पटेल तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करने आए। भारत पहले ही ओवर में शुभमन गिल का विकेट खो चुका था, इसलिए अक्षर को इतनी जल्दी भेजना असमंजस की स्थिति पैदा कर गया। वह आमतौर पर पांचवें या उससे निचले क्रम पर बल्लेबाज़ी करते हैं, और उनकी क्षमताएं कुछ ख़ास परिस्थितियों में ही काम आती हैं, न कि पहले नंबर पर बल्लेबाज़ी करने के दबाव में। 52 T20 अंतरराष्ट्रीय पारियों में यह पहली बार था जब उन्होंने तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी की, इसलिए यह कदम उनके लिए एक अपरिचित भूमिका साबित हुआ। 

अक्षर ने 21 गेंदों में 21 रन बनाए, जिससे उस समय भारतीय आक्रमण की गति धीमी हो गई जब भारत को जवाबी हमला करने की ज़रूरत थी। उनके ऊपर बल्लेबाज़ी करने आने से अन्य बल्लेबाज़ों की लय भी बिगड़ गई।

तिलक वर्मा या सूर्यकुमार यादव उस स्थान पर खेल सकते थे, क्योंकि दोनों पहले भी उस पोजीशन पर खेल चुके हैं। अक्षर को भी अपना स्वाभाविक खेल दिखाने का मौक़ा नहीं मिला क्योंकि उन्हें बाएं हाथ के स्पिनर जॉर्ज लिंडे का सामना नहीं करना पड़ा, जिन्होंने साधारण आंकड़े दर्ज किए और उन पर कोई ख़ास दबाव नहीं डाला।

शिवम दुबे को सातवें नंबर पर डिमोट किया गया

शिवम दुबे की बल्लेबाज़ी क्रम को लेकर भी एक बड़ी चिंता थी। ग़ौरतलब है कि वे अपनी ज़ोरदार बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं, ख़ासकर स्पिन गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़। घरेलू क्रिकेट और IPL में उनकी बल्लेबाज़ी शैली आमतौर पर पांचवें या छठे नंबर पर होती है। उन्हें सातवें नंबर पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजने से उनका प्रभाव कम हो जाता है।

यह ध्यान देने योग्य है कि दुबे को तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ आक्रामक बल्लेबाज़ के रूप में टीम में शामिल किया गया था, हालांकि उनकी सबसे बड़ी खूबी मध्य ओवरों में स्पिन गेंदबाज़ों का सामना करना है। इस बदलाव से भारत के लिए मज़बूत लक्ष्य का पीछा करने की संभावनाएं कमज़ोर हो गईं।

तिलक वर्मा के लिए किसी का साथ खड़ा ना होना

तिलक वर्मा ने 34 गेंदों में 62 रनों की साहसिक पारी खेली और दबाव में भी शानदार परिपक्वता दिखाई। उन्हें दूसरे छोर से सहयोग की ज़रूरत थी, जो कभी नहीं मिला। शुरुआती विकेट गिरने से भारत मुश्किल में पड़ गया और तिलक की पारी के इर्द-गिर्द कोई साझेदारी नहीं बन पाई। उनका प्रयास अकेले ही महत्वपूर्ण साबित हुआ, दूसरों का कोई सार्थक योगदान नहीं मिला।

ख़ास बात यह है कि गिल के गोल्डन डक ने तनाव और बढ़ा दिया। T20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी वापसी उत्साहजनक नहीं रही है। पिछले कुछ महीनों में उन्हें रन बनाने में काफी संघर्ष करना पड़ा है और उनका स्ट्राइक रेट भी कम रहा है। लंबा अनुभव रखने वाले सूर्यकुमार यादव भी कोई स्थिर पारी नहीं खेल पाए। 2025 के उनके आंकड़े उनकी फॉर्म में गिरावट दर्शाते हैं, जिसका असर क़रीबी मैचों में भारत पर पड़ा है।

अभिषेक शर्मा पर अत्यधिक निर्भरता

भारत की बल्लेबाज़ी में अभिषेक शर्मा पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। वे अक्सर मुश्किल समय में टीम को संभालते हैं। इस बार उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, इसलिए बाकी बल्लेबाज़ों को भी अच्छा प्रदर्शन करने में मुश्किल हुई। यह निर्भरता शीर्ष और मध्य क्रम के सामूहिक प्रयास की कमी को साफ़ तौर से दर्शाती है। 

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Mohammed Afzal

Mohammed Afzal

Author ∙ Dec 12 2025, 1:54 PM | 4 Min Read
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