मुशफिकुर बाहर, लिटन दास टीम में; चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2025 के लिए बांग्लादेश की टीम में 3 बड़े बदलाव
मुशफिकुर रहीम बाहर, लिटन दास सीटी टीम में [स्रोत: @saifahmed75/X.Com]
एक और ICC टूर्नामेंट आ गया है और इस बार चैंपियंस ट्रॉफ़ी 8 साल के लंबे अंतराल के बाद वापसी कर रही है। भारत, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया ख़िताब जीतने के प्रबल दावेदार हैं, लेकिन एक और एशियाई टीम भी इस ख़िताब की दौड़ में है और टूर्नामेंट में कुछ लोगों को चौंका सकती है - बांग्लादेश।
हालांकि वे चैंपियंस ट्रॉफ़ी तो नहीं जीत पाएंगे, लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए वे चौंका देने वाले दावेदार हो सकते हैं। पिछले 8 सालों में टीम में काफी बदलाव हुए हैं और नए खिलाड़ियों ने भी अपनी जगह बनाई है।
जैसा कि टाइगर्स आगामी मेगा इवेंट के लिए तैयारी कर रहे हैं, हम पिछले 8 सालों में उनके दल में हुए 3 बड़े बदलावों पर नज़र डालते हैं।
तमीम इक़बाल आउट, तंज़ीद हसन इन
बांग्लादेश के लिए खेलने वाले शायद सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी तमीम इक़बाल का करियर काफी विवादों से घिरा रहा है।
कई बार उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया है और बांग्लादेश की तरफ से खेलने के लिए वापस आए हैं। उन्होंने आखिरी बार सितंबर 2023 में बांग्लादेश के लिए एकदिवसीय मैच खेला था और तब से बोर्ड ने उन्हें दौरे के लिए नहीं चुना है।
उनकी जगह टीम ने तनजीद हसन को आज़माया है, जो एक होनहार बाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं और उन्होंने टाइगर्स के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है। उनके आंकड़े बहुत अच्छे नहीं हैं, लेकिन बाएं हाथ के इस शानदार बल्लेबाज़ ने अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई है और चैंपियंस ट्रॉफ़ी में उन पर सबकी नज़र रहेगी।
मुशफिकुर रहीम बाहर, लिटन दास अंदर
बांग्लादेश टीम के धुरंधर खिलाड़ी मुशफिकुर रहीम पिछले 15 सालों से टीम की रीढ़ की हड्डी की तरह हैं। हालांकि, हर खिलाड़ी की तरह उनका करियर भी अंधेरे में जा रहा है और ढ़लान की ओर बढ़ रहा है।
उनकी जगह लिटन दास ने टीम में जगह पक्की की है और दोनों कई सालों से एक साथ खेल रहे हैं, लेकिन मुशफिकुर विकेटकीपिंग करते थे। अब चोट के कारण स्टार बल्लेबाज़ के बाहर होने के बाद लिटन को विकेटकीपिंग की ज़िम्मेदारी दी गई है और वह इसे बखूबी निभा रहे हैं।
मशरफ़े मुर्तज़ा आउट, तस्कीन अहमद इन
बांग्लादेश के फैब 4 के अहम सदस्यों में से एक मुर्तज़ की कप्तानी में ही बांग्लादेश की टीम पहली बार सुर्खियों में आई थी। मुर्तज़ ने ही 2017 में टीम को पहली बार चैंपियंस ट्रॉफ़ी के सेमीफाइनल तक पहुंचाया था, लेकिन उनके संन्यास लेने के बाद बांग्लादेश को एक और बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ की ज़रूरत थी और तस्कीन उनकी जगह आए।
तस्कीन तेज़ गेंदबाज़ी कर सकते हैं, उनके पास अच्छी बाउंसर है और अगर चोट न लगी होती तो वे और भी बेहतर क्रिकेटर होते। हालाँकि, आगामी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में बांग्लादेश की गेंदबाज़ी की उम्मीदें उनके कंधों पर टिकी होंगी।