जानिए: वो 3 वजहें जिसके चलते सैम कोंस्टास हो सकते हैं ऑस्ट्रेलिया के अगले डेविड वार्नर
कोंस्टास अगले डेविड वार्नर क्यों होंगे [स्रोत: एपी फोटो]
गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के युवा खिलाड़ी सैम कोंस्टास ने अपने टेस्ट करियर की सबसे यादगार शुरुआत की, क्योंकि इस ओपनर ने MCG में मिले मौक़ों का पूरा फायदा उठाया। युवा ओपनर अपनी बेहतरीन फॉर्म में नज़र आए और 65 गेंदों पर 60 रनों की तेज़ पारी खेली।
सैम ने अपनी तेज़तर्रार बल्लेबाज़ी से जसप्रीत बुमराह को परेशान किया और भारत के महान बल्लेबाज़ विराट कोहली को भी परेशान किया, क्योंकि दोनों के बीच उनकी पारी के बीच में बहस हुई थी। कोंस्टास, अपने आक्रामक अंदाज़ से यह आभास देते हैं कि वह डेविड वार्नर की तरह हैं। दोनों में काफी समानताएं हैं और यहां 3 कारण बताए गए हैं कि क्यों यह युवा खिलाड़ी कई मायनों में वार्नर जैसा दिखता है।
3) अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए समान रास्ता
कोंस्टास और वार्नर दोनों का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफर एक जैसा रहा है। कोंस्टास ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण से पहले केवल 11 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे, जबकि वार्नर ने ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में शामिल होने से पहले एक भी लाल गेंद वाला क्रिकेट नहीं खेला था।
वार्नर की तरह, कोंस्टास को भी पूर्व क्रिकेटरों द्वारा भविष्य का महान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बताया गया था और दोनों स्टाइलिश खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय गेंदबाज़ों का सामना करने का कोई अनुभव नहीं था, क्योंकि दोनों ने कम उम्र में ही अपने करियर की शुरुआत कर दी थी।
2) वार्नर जैसी आक्रामक, तेज़तर्रार बल्लेबाज़ी शैली
2000 के दशक में ऑस्ट्रेलिया ने मैथ्यू हेडन को आक्रामक सलामी बल्लेबाज़ के रूप में इस्तेमाल किया था, और 2010 के दशक में उनकी जगह डेविड वार्नर ने ले ली। वार्नर के संन्यास के बाद ऑस्ट्रेलिया ने नाथन मैकस्वीनी को आज़माया, लेकिन वह अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे।
चयनकर्ताओं ने एक साहसिक कदम उठाते हुए बॉक्सिंग-डे टेस्ट के लिए कोंस्टास को शामिल किया और इस कदम का फ़ायदा भी हुआ क्योंकि उन्होंने अपना आक्रामक पक्ष दिखाया और वार्नर की तरह ही विपक्षी टीम के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ से भिड़ने से भी नहीं कतराए। उन्होंने अपनी आक्रामकता का बेहतरीन प्रदर्शन किया और इससे भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों में खलबली मच गई।
यह कुछ वैसा ही था जैसे वार्नर विपक्षी टीम पर हावी हो जाते थे और वे कभी-कभी असहाय महसूस करते थे।
1) आक्रामक, अपने चेहरे पर रवैया
19 वर्षीय कोंस्टास का विराट कोहली जैसे दिग्गज क्रिकेटर के ख़िलाफ़ मुक़ाबला देखकर प्रशंसकों को डेविड वॉर्नर की याद आ गई। अपने युवा दिनों में वॉर्नर का व्यवहार बहुत आक्रामक था और वह विपक्षी खिलाड़ियों से लड़ने से कभी नहीं कतराते थे।
जब कोहली ने उनके साथ कंधे उचकाए तो कोई भी अन्य बल्लेबाज़ इसे नज़रअंदाज़ कर देता, लेकिन कोंस्टास ने उन्हें जवाब दिया और यह वैसा ही था जैसे वार्नर अपने किशोर दिनों में बिना किसी झंझट के व्यवहार करते थे।