3 स्पिनर या अतिरिक्त पेसर? एशिया कप 2025 से पहले दुबई की पिच का इतिहास
कुलदीप यादव और हर्षित राणा (Source: @Johns/X.com)
एक महीने के लंबे इंतज़ार के बाद, क्रिकेट फ़ैंस भारत को एशिया कप 2025 के पहले मैच में 10 सितंबर को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में यूएई के ख़िलाफ़ खेलते हुए देखेंगे। गौरतलब है कि सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली टीम तीन ग्रुप-स्टेज मैच खेलेगी और ये सभी दुबई स्टेडियम में खेले जाएँगे।
भारत को एशिया कप का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, लेकिन भारतीय टीम ने अभी तक महाद्वीपीय कप के लिए अपनी अंतिम एकादश तय नहीं की है। ख़बरों के अनुसार, गौतम गंभीर और सूर्यकुमार यादव चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान अपनाई गई रणनीति पर ही आगे बढ़ना चाहते हैं, जिसमें भारत ने तीन स्पिनरों को मैदान में उतारा था।
अतिरिक्त स्पिनर या अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज़? प्रबंधन के लिए कड़ी चुनौती
कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्ती और अक्षर पटेल ने UAE में हुए इस टूर्नामेंट में एक ज़बरदस्त तिकड़ी बनाई और रोहित शर्मा द्वारा उन पर दिखाए गए भरोसे पर खरे उतरे। गौरतलब है कि इस तिकड़ी ने कुल मिलाकर 21 विकेट लिए, जबकि तेज़ गेंदबाज़ों (हर्षित राणा, मोहम्मद शमी और हार्दिक पंड्या) ने 17 विकेट लिए।
अब, एशिया कप 2025 से पहले, इस आर्टिकल में हम इस बात पर विचार करेंगे कि क्या भारत को वास्तव में तीन स्पिनरों के साथ उतरना चाहिए या एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज़ के साथ जाना चाहिए, और इसके लिए, आइए देखें कि दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम की सतह गेंदबाज़ों के लिए किस प्रकार अनुकूल है।
पिछले कुछ वर्षों में दुबई की सतह कैसी रही है?
दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम ने अपनी स्थापना के बाद से 93 T20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी की है। इस मैदान के इतिहास में, स्पिनरों ने 463 ओवर फेंके हैं और 21.52 की औसत से 446 विकेट लिए हैं।
तेज गेंदबाज़ों की बात करें तो उन्होंने 1979 ओवर फेंके हैं और 22.63 की औसत से 665 विकेट लिए हैं। आइए दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में स्पिनरों और तेज गेंदबाज़ों की गेंदबाज़ी में अंतर देखें।
जानकारी | स्पिनर्स | तेज गेंदबाज़ |
मैच | 93 | 93 |
पारी | 463 | 632 |
ओवर | 1467 | 1979 |
दिए गए रन | 9601 | 15050 |
विकेट | 446 | 665 |
औसत | 21.52 | 22.63 |
इकॉनमी | 6.54 | 7.60 |
स्ट्राइक-रेट | 19.7 | 17.8 |
- आँकड़ों पर गौर करें तो तेज़ गेंदबाज़ों ने ज़्यादा विकेट लिए हैं, लेकिन ज़्यादा ओवर भी फेंके हैं। हालाँकि, अगर औसत की तुलना करें, तो स्पिनर 21.52 के औसत के साथ ज़्यादा प्रभावी रहे हैं। हालाँकि, दोनों के बीच मामूली अंतर ही है।
- इकॉनमी पर प्रकाश डालते हुए, स्पिनर यहां भी प्रभावी रहे हैं और 6.54 की इकॉनमी से गेंदबाज़ी की है जो T20 प्रारूप में सबसे महत्वपूर्ण बात है, जबकि तेज गेंदबाज़ों ने 7.60 रन प्रति ओवर लुटाए हैं।
- हालांकि, तेज गेंदबाज़ों को विकेट लेने में कम गेंदें लगती हैं और उनका स्ट्राइक रेट 17.8 है, जबकि स्पिनर हर 20वीं गेंद पर विकेट लेते हैं।
निष्कर्ष
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत के लिए T20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में स्पिनरों और तेज़ गेंदबाज़ों के आंकड़ों में मामूली अंतर है। हालाँकि, कई कारणों से भारतीय टीम को तीन स्पिनरों के साथ ही गेंदबाज़ी जारी रखनी चाहिए।
दुबई में भारत के लिए स्पिनर ज़्यादा कारगर होते हैं क्योंकि वे ज़्यादा किफायती गेंदबाज़ी करते हैं, जिससे बल्लेबाज़ों पर दबाव बनता है और तेज़ गेंदबाज़ इस दबाव का फ़ायदा उठाकर अहम विकेट चटकाते हैं। इस तरह, कुलदीप, अक्षर और वरुण जैसे गेंदबाज़ बीच के ओवरों में रनों पर लगाम लगाकर अहम सफलताएँ दिला सकते हैं।
इसके अलावा, T20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में ज़्यादा किफायती गेंदबाज़ी करना ज़रूरी है और बेहतर औसत खेल की माँग है। इसलिए, आँकड़े बताते हैं कि स्पिनरों ने दोनों ही विभागों में बेहतर प्रदर्शन किया है, इसलिए भारत को एशिया कप के लिए भी तीन स्पिनरों के साथ ही खेलना चाहिए।