तीन कारण क्यों यशस्वी जायसवाल को 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में शुभमन गिल की जगह लेनी चाहिए


यशस्वी जयसवाल और शुभमन गिल एक T20I में (स्रोत:@BCCI/X.com) यशस्वी जयसवाल और शुभमन गिल एक T20I में (स्रोत:@BCCI/X.com)

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 बस आने ही वाली है और इस बड़े आयोजन के लिए भारतीय टीम के चयन को लेकर काफी बहस और विचार-विमर्श शुरू हो गया है। भारत अपने सभी मैच यूएई में खेलेगा और टेस्ट और वनडे में हाल ही में मिली असफलताओं के बाद भारतीय टीम में कुछ बड़े बदलाव की मांग उठ रही है।

हालांकि, भारतीय टीम के कुछ निराशाजनक प्रदर्शनों के बीच यशस्वी जायसवाल ने अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने टेस्ट और T20 दोनों में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन्हें वनडे में डेब्यू का मौका नहीं मिला है।

अब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के बाद चैंपियंस ट्रॉफी से पहले उन्हें इस फॉर्मेट में शामिल करने की मांग जोरों पर है और वह शीर्ष क्रम में शुभमन गिल की जगह ले सकते हैं। गिल ने भी वनडे में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन यहां तीन कारण बताए गए हैं कि यशस्वी जायसवाल शुभमन गिल से बेहतर विकल्प क्यों हो सकते हैं।

यशस्वी जायसवाल की बल्लेबाज़ी की गतिशीलता

यशस्वी जायसवाल ने पिछले कुछ सालों में अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी और निरंतरता के साथ विश्व क्रिकेट में तहलका मचा दिया है। उन्होंने T20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 164.31 की स्ट्राइक-रेट से रन बनाए हैं और वनडे में भी ऐसी ही सपाट बल्लेबाज़ी परिस्थितियों की उम्मीद है, तो वह गेंदबाज़ी आक्रमण को तहस-नहस कर सकते हैं।

इसके अलावा, यशस्वी जायसवाल ने शुरुआत से ही बड़े शॉट लगाने की क्षमता दिखाई है जो आधुनिक समय की सफेद गेंद की मानसिकता के लिए बिल्कुल सही है। शुभमन गिल का भी वनडे में 58.20 की औसत के साथ शानदार रिकॉर्ड है, लेकिन यशस्वी जायसवाल अपने स्ट्रोकप्ले से भारत की बल्लेबाज़ी में अतिरिक्त आयाम जोड़ सकते हैं। शुभमन गिल को आम तौर पर सेट होने में थोड़ा समय लगता है और इसलिए अगर भारत अधिक आक्रामक दृष्टिकोण की तलाश में है, तो यशस्वी एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं।

बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज़ का लिस्ट ए रिकॉर्ड भी अच्छा है। उन्होंने 32 मैचों में 53.96 की औसत है। इस प्रारूप में उनके नाम पांच शतक और सात अर्द्धशतक हैं। वह लिस्ट ए में दोहरा शतक बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी भी थे और इसलिए उनमें बड़े शतक लगाने की क्षमता है और चैंपियंस ट्रॉफी में वह खेल के बड़े बदलाव ला सकते हैं।

बायाँ-हाथ/दायाँ-हाथ संयोजन

रोहित शर्मा दाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं, और यशस्वी जायसवाल के रूप में बाएं हाथ के बल्लेबाज़ की मौजूदगी भारत के लिए मददगार साबित हो सकती है। दाएं-बाएं हाथ के संयोजन से गेंदबाज़ों के लिए अपनी लाइन और लेंथ बरकरार रखना मुश्किल हो जाता है। और स्ट्राइक-रोटेशन भी फील्डिंग कप्तान को निर्धारित फील्ड पोजीशन बनाए रखने में मदद नहीं करता है।

दूसरी ओर, शुभमन गिल दाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं और विराट कोहली, श्रेयस अय्यर और केएल राहुल भी दाएं हाथ के हैं, इसलिए शीर्ष पर बाएं हाथ के बल्लेबाज़ की मौजूदगी भारत के लिए मददगार साबित हो सकती है। अतीत में, भारत ने बाएं हाथ के शिखर धवन को शीर्ष पर रखकर लाभ उठाया है और यशस्वी भी शीर्ष क्रम में यही कर सकते हैं।

हालिया फॉर्म और आत्मविश्वास

यशस्वी जायसवाल पिछले कुछ सालों में भारत के लिए बेहतरीन फॉर्म में हैं। उन्होंने अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग गेंदबाज़ी आक्रमण के ख़िलाफ़ अच्छा प्रदर्शन किया है और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अपने हालिया प्रदर्शन के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ होगा। 2024 में टेस्ट और T20 दोनों में उनका औसत 40 से अधिक था और उन्होंने कई मैच जिताऊ पारियां खेली हैं, जिससे विश्व क्रिकेट में उनका कद बढ़ा है।

दूसरी ओर, शुभमन गिल का औसत 2024 में 39.63 की औसत से सभी प्रारूपों में 1189 रन बनाए। हाल ही में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में उन्हें संघर्ष करना पड़ा और वे श्रीलंका के ख़िलाफ़ 2024 में खेले गए तीन वनडे मैचों में भी असफल रहे। इसलिए, गिल वर्तमान में अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हैं। यशस्वी जायसवाल की तुलना में उनका आत्मविश्वास कम है, जो चैंपियंस ट्रॉफी जैसे दबाव वाले टूर्नामेंट में एक कारक की भूमिका निभा सकता है।

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