वो 3 क्रिकेटर जिन्होंने विराट के आस-पास भारत के लिए डेब्यू किया लेकिन धीरे-धीरे गायब हो गए
सौरभ तिवारी, विराट कोहली और सुब्रमण्यम बद्रीनाथ [X]
दिग्गज भारतीय बल्लेबाज़ विराट कोहली तब सुर्खियों में आए जब साल 2008 में टीम इंडिया ने उनके नेतृत्व में अंडर-19 विश्व कप जीता। पूरा क्रिकेट जगत उनकी प्रतिभा और क्षमता से प्रभावित था। उनकी बल्लेबाज़ी शैली, तकनीक और स्वभाव ने भारतीय चयनकर्ताओं को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने 2008 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए बुलाया।
क्रिकेट के आधुनिक मास्टर ने 2008 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे प्रारूप में पदार्पण किया था। इस समय के आसपास कुछ और भारतीय खिलाड़ियों ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहली उपस्थिति दर्ज की। विराट ने अपनी क्षमता के अनुसार काम किया है और खेल के उच्चतम स्तर पर सबसे शानदार सितारों में से एक बनने के लिए इसे अधिकतम किया है। हालाँकि, कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में उतना प्रदर्शन नहीं किया जितना उन्होंने वादा किया था।
3. सुब्रमण्यम बद्रीनाथ
चेन्नई सुपर किंग्स का अहम हिस्सा रहे सुब्रमण्यम बद्रीनाथ घरेलू सर्किट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में से एक थे। 145 फ़र्स्ट क्लास मैचों में बद्रीनाथ ने 54.49 की औसत से 10, 245 रन बनाए हैं। वह 144 और 142 लिस्ट A और T20 मैचों का भी हिस्सा रहे, जिसमें उन्होंने क्रमशः 4,164 और 2,300 रन बनाए हैं।
सबसे दिलचस्प बात यह थी कि वह एक सीज़न में कमाल नहीं कर पाए। उन्होंने लगातार दो या तीन सीज़न तक अपनी घरेलू टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया। नतीजतन, उन्हें 2008 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ एकदिवसीय मैच में भारत के लिए खेलने के लिए बुलाया गया। हालाँकि उनमें बहुत प्रतिभा थी, लेकिन वे इसका फ़ायदा उठाने में नाकाम रहे और धीरे-धीरे भारतीय मुख्य योजनाओं से गायब हो गए।
2. अभिषेक नायर
अभिषेक नायर वर्तमान में भारत के सहायक कोच के रूप में कार्य कर रहे हैं [X]
मौजूदा भारतीय सहायक कोच 2008-2010 की अवधि के दौरान सबसे होनहार ऑलराउंडरों में से एक थे। अभिषेक नायर ने घरेलू सर्किट में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट जगत को प्रभावित किया। नायर ने 103 फ़र्स्ट क्लास खेलों में 45.62 की औसत से 5,749 रन बनाए और 31.47 की गेंदबाज़ी औसत से विकेट भी लिए। अगर हम उनके लिस्ट A करियर पर नज़र डालें, तो 99 खेलों में उन्होंने 31.08 की औसत से 2,145 रन बनाए हैं और 30.10 की गेंदबाज़ी औसत से विकेट भी लिए हैं।
घरेलू सर्किट में अपने प्रदर्शन के अलावा, नायर ने IPL में भी अलग-अलग टीमों के लिए अच्छा प्रदर्शन किया। उनके घरेलू प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं को प्रभावित किया और उन्हें 2009 में भारत के लिए खेलने का मौक़ मिला। हालांकि, उनका अंतरराष्ट्रीय करियर तीन वनडे से आगे नहीं बढ़ पाया और वे धीरे-धीरे टीम में जगह बनाने की दौड़ से बाहर हो गए।
1.सौरभ तिवारी
झारखंड के बाएं हाथ के मध्यक्रम के बल्लेबाज़ ने 2008-2009 के आसपास महेंद्र सिंह धोनी के साथ समानताओं के चलते ख़बरों में जगह बनाई। उनके जन्म राज्य से लेकर हेयरस्टाइल और उनकी बल्लेबाज़ी के तरीके तक सब कुछ MSD से इतना मिलता-जुलता था कि उन्हें 'बाएं हाथ का धोनी' उपनाम दिया गया। सौरभ तिवारी ने घरेलू मैदान में अपनी बल्लेबाज़ी क्षमताओं से प्रभावित किया और वह IPL में निचले मध्यक्रम में एक उपयोगी बल्लेबाज़ भी हैं।
घरेलू मैदान में लगातार अच्छे प्रदर्शन के चलते उन्हें साल 2010 में भारतीय टीम में जगह मिली। हालांकि, वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता का उपयोग करने में असफल रहे और केवल तीन एकदिवसीय मैच ही खेल पाए।